सूप और दाल में से क्या है बेहतर ?

हठयोग से संबंधित प्रसिद्ध ग्रंथ हठयोग प्रदीपिका’ में कहा गया है- ‘भोजन करना भी एक कला है और जो  व्यक्ति संतुलित मात्रा में भोजन करता है, वह बुद्धिमान कहलाता है।’ दुर्भाग्य की बात यह है कि समय की कसौटी पर खरे उतरे हमारे इस पारंपरिक ज्ञान को पोषण संबंधी कॉलेजों में जगह ही नहीं मिलती। 
सूप और दाल में से क्या है बेहतर ?
सूप और दाल में से क्या है बेहतर ?
अब हमारा सारा सिलेबस पश्चिमी ज्ञान के इर्द-गिर्द केंद्रित होकर रह गया है और इस तरह हममें से अधिकांश लोग भी भोजन की पश्चिमी अवधारणाओं से ज्यादा प्रेरित हो गए हैं। आज जानते हैं कि भोजन की पश्चिमी अवधारणाएं हमारे लिए कितनी उचित हैं या अनुचितः

सूप कितना पौष्टिक ?

यह कभी भी हमारे पारंपरिक आहार का हिस्सा नहीं रहा है, लेकिन आज के आधुनिक आहार विशेषज्ञ अक्सर इसकी सलाह देते हैं। सूप प्रायः सब्जियों से बनाए जाते हैं। इन्हें भारी तापमान पर उबालना पड़ता है। 

जब सब्जियों को बहुत ज्यादा गर्म किया जाता है, तब उनमें से ज्यादातर पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं। तो जरा सोचिए, जब आपके कटोरे में सूप रूपी जो तरल खाद्य पदार्थ आएगा, उसमें कितने पौष्टिक तत्व रहेंगे? अगर इनकी तुलना दालों से करें तो दालों में जो भी पौष्टिक तत्व होते हैं, खासकर प्रोटीन, वह गर्म किए जाने के बावजूद बने रहते हैं। 
इसलिए जब पुराने जमाने में कोई बीमार पड़ता था तो उसे दाल का पानी पिलाए जाने की सलाह दी जाती थी, न कि सूप पिलाए जाने की।

उचित है फुल फैट दही ?

इन दिनों फुल फैट दही को लेकर भी एक अवधारणा बना ली गई है। वजन घटाने के उत्सुक लोग इसका सेवन करने से बचने लगते हैं। लेकिन फुल फैट दही में जो फैट या वसा होता है, वह हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है, इसे समझना जरूरी है। 
विटामिन ए, ई, डी और के, ये सभी हमारे शरीर में कई तरह की भूमिका निभाते हैं। ये सारे फैट सॉल्युबल विटामिन्स हैं, यानी शरीर में इनके घुलने के लिए वसा जरूरी है। अगर वसा नहीं होगा तो ये विटामिन घुल नहीं पाएंगे और इस तरह इनका फायदा भी नहीं मिल पाएगा। 
इसलिए फुल फैट दही को अवॉइड ना करें। इस तरह दही में मौजूद गुड बैक्टीरिया आपके पाचन तंत्र को बेहतर बनाए रखेंगे और साथ ही फैट विटामिन्स को शरीर में बनाए रखेंगे।

फुल फैट दूध भी जरूरी

एक मिथक फुल फैट दूध को लेकर भी है। लेकिन शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण ‘सीएलए’ कॉन्टेंट दूध में खासकर फुल फैट दूध में प्राकृतिक तौर पर पर्याप्त मात्रा में होता है। सीएलए कॉन्टेंट न केवल हमारी हड्डियों की मजबूती के लिए, बल्कि झुर्रियों को दूर रखने में भी बहुत मददगार होता है। और हां, विटामिन डी भी फैट सॉल्युबल होता है।
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