इस मौसम सेहत के लिए सतर्क रहें! जानें क्यों मशरूम से बचें और सरसों तेल में बनाएं लाजवाब पकवान |
मानसून का मौसम जहां गर्मी से राहत देता है वहीं अपने संग स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां भी लेकर आता है। बारिश के दिनों में स्वस्थ रहने के लिए कुछ खाद्य पदार्थ या तो कम खाएं अथवा नहीं खाने चाहिए।
ध्यान रहे, जो भी खाद्य पदार्थ खाएं उनका संतुलित और पोषक तत्त्वों से भरपूर होना अत्यंत जरूरी होता है अर्थात् मानसून डाइट लें ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े और सम्पूर्ण स्वास्थ्य बेहतर हो सके।
इस बातों पर ध्यान दें-
देसी घी को इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है, जो बारिश के मौसम में महत्त्वपूर्ण है। बरसात के मौसम में डाइजेशन भी बिगड़ जाता है, ऐसे में पेट संबंधित विकारों को दूर करने में घी मदद कर सकता है।
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■ मानसून के दौरान खाना बनाने में ऐसे तेल का प्रयोग करें, जिससे पाचन संबंधी परेशानियां न हों। सरसों का तेल, तिल का तेल और ऑलिव ऑयल (जैतून का तेल) का प्रयोग करें तो बेहतर होगा।
मानसून डाइट लें
अनाजः कोशिश करें कि वर्षा ऋतु में गेहूं की रोटी की बजाय मिलेट्स की रोटियां खाएं। इस समय अंकुरित अनाज भी कम खाना चाहिए।
दालें: वैसे तो सभी दालें स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं किन्तु बरसात के मौसम में हमारा पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है, इसीलिए उड़द की दाल खाने से बचना चाहिए या कम खाना चाहिए। इस मौसम में अरहर की दाल, मूंग व मसूर की दाल खाई जा सकती है।
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दूध-दही : स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इस समय डेयरी उत्पाद जैसे दूध-दही आदि का सेवन कम करना चाहिए क्योंकि इस मौसम में जर्म्स अथवा बैक्टीरिया अधिक बढ़ने या पनपने से संक्रमण आदि का खतरा हो सकता है। साथ ही पाचन संबंधी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं। दूध का सेवन जारी रखना चाहते हैं तो दूध में एक चुटकी हल्दी मिलाकर पीएं।
फल व सब्जियां : पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, बथुआ और सरसों का सेवन नहीं करना चाहिए। सलाद या कच्ची सब्जियां भी न खाएं। यदि खाना भी पड़े तो पहले अच्छी तरह धोएं व काटने के तुरंत बाद खा लें। बैंगन, शिमला मिर्च व टमाटर का भी सेवन कम करें, मशरूम से परहेज करें। स्ट्रॉबेरी तथा पपीता जैसे फल भी खाने से बचें।
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